अध्याय 4: अर्धनारीश्वर (रामधारी सिंह दिनकर)
अर्धनारीश्वर शंकर और पार्वती का कल्पित रूप है, जिसका आधा अंग पुरुष का और आधा अंग नारी का होता है। एक ही मूर्ति को दो आँखें, एक रसमयौ और दूसरी विकराल एक ही मूर्ति की दो भुजाएँ, एक त्रिशूल उठाए और दूसरी की पहुँची पर चूड़ियाँ और उँगलियाँ अलक्तक से लाल; एवं एक ही मूर्ति के दो पाँव, एक जरीदार साड़ी से आवृत और दूसरा बाचंबर से ढँका हुआ । एक हाथ में डमरू, एक में वीणा परम उदार । एक नयन में गरल, एक में संजीवन की धार । ...